बेंगलुरु भगदड़ पर आयोग की रिपोर्ट: RCB, इवेंट कंपनी और राज्य क्रिकेट संघ को ठहराया जिम्मेदार
कुन्हा आयोग की रिपोर्ट में चिन्नास्वामी स्टेडियम को असुरक्षित बताया गया, और भविष्य में बड़े आयोजनों के लिए सुधार की सिफारिश की गई।

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बेंगलुरु में 4 जुलाई 2024 को हुई रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के विक्ट्री डे परेड के दौरान मची भगदड़ की घटना पर कर्नाटका सरकार द्वारा नियुक्त जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा आयोग ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की। रिपोर्ट में चिन्नास्वामी स्टेडियम को बड़े आयोजनों के लिए असुरक्षित बताया गया है और कहा गया है कि इसके डिजाइन में कई खामियां हैं, जो भविष्य में ऐसे हादसों को टालने में मुश्किल हो सकती हैं।
आयोग की रिपोर्ट ने स्टेडियम के भीड़ नियंत्रण, पार्किंग व्यवस्था, इमरजेंसी प्लान, और प्रवेश-निकासी व्यवस्था में गंभीर कमी की बात की है। आयोग ने भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए केवल उन्हीं स्थानों का चयन करने की सिफारिश की है, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करते हों। इसके साथ ही, पुराने स्टेडियमों में जरूरी सुधार किए जाने तक कोई भी बड़ा आयोजन न करने की सलाह दी है।
कुन्हा आयोग ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), उनके इवेंट पार्टनर DNA एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने खासतौर पर KSCA के प्रमुख रघुराम भट, पूर्व सचिव ए शंकर, पूर्व कोषाध्यक्ष ईएस जयराम, RCB के वाइस प्रेसिडेंट राजेश मेनन और DNA एंटरटेनमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
4 जुलाई को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस आयोजन में भारी भीड़ जमा हो गई थी, और इसकी तैयारी के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं की गंभीर कमी नजर आई थी।
कर्नाटक सरकार ने पहले 17 जुलाई 2024 को एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें RCB को भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया गया था। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि RCB ने विक्ट्री डे परेड के आयोजन के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली थी। इस रिपोर्ट में कोहली का भी उल्लेख किया गया था, जिसमें कहा गया था कि RCB ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजन की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली थी, जबकि कानून के तहत किसी भी सार्वजनिक आयोजन से पहले अनुमति लेना जरूरी होता है।
इसके अलावा, कर्नाटक सरकार ने कहा था कि आयोजन को अचानक रद्द करना हिंसा को भड़काने का कारण बन सकता था और शहर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकता था, इसलिए आयोजन को पूरी तरह से रद्द करने के बजाय इसके समय को कम किया गया और निगरानी बढ़ाई गई थी।
कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में चार प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था:
RCB ने पुलिस को सूचना दी, अनुमति नहीं ली
रिपोर्ट के अनुसार, RCB ने 3 जून को IPL खिताब जीतने पर विक्ट्री डे परेड के आयोजन की सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन यह सूचना अनुमति की मांग के बजाय केवल एक सूचना थी। जबकि कानून के तहत सार्वजनिक आयोजन से सात दिन पहले अनुमति लेनी होती है, RCB ने ऐसा नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस को भीड़ की संख्या, व्यवस्था और संभावित समस्याओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई, जिससे अनुमति नहीं मिली।
पुलिस सलाह के बिना सार्वजनिक निमंत्रण
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि RCB ने 4 जून को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर फ्री एंट्री की घोषणा की और लोगों को विक्ट्री परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस तरह के निमंत्रण को बिना पुलिस की सलाह के सार्वजनिक रूप से दिया गया, जिससे भीड़ बढ़ गई और स्थिति अनियंत्रित हो गई।
3 लाख से ज्यादा लोग जमा हुए, जबकि स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 थी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि RCB के सोशल मीडिया पोस्ट को 44 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा, जिसके परिणामस्वरूप 3 लाख से ज्यादा लोग चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। बेंगलुरु मेट्रो के आंकड़ों के अनुसार, उस दिन 9.66 लाख लोग मेट्रो का उपयोग करने पहुंचे, जो सामान्य दिनों की तुलना में बहुत अधिक था। स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 थी, लेकिन वहां 3 लाख लोग इकट्ठा हो गए। इस अराजक स्थिति के कारण भगदड़ मच गई।
आयोजन क्यों रद्द नहीं किया गया?
रिपोर्ट में कहा गया कि आयोजन को अचानक रद्द करने से हिंसा भड़क सकती थी और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी। इसलिए आयोजन को बंद करने की बजाय इसका समय कम किया गया और निगरानी बढ़ाई गई। आयोजकों ने भीड़ की बढ़ती संख्या और सूचना की कमी के मद्देनजर इस निर्णय को लिया था, ताकि हिंसा और दंगे से बचा जा सके।
4 जून 2024 को, बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की IPL 2025 खिताबी जीत के जश्न के लिए विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया था। इस दौरान भारी संख्या में लोग स्टेडियम के पास इकट्ठा हो गए थे, जिससे भगदड़ मच गई। लोग स्टेडियम में घुसने के लिए दीवारों को फांदने की कोशिश कर रहे थे, जबकि एंट्री गेट पर भी हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। इस स्थिति के परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई और इसमें 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हो गए।
जस्टिस कुन्हा आयोग की रिपोर्ट ने चिन्नास्वामी स्टेडियम को असुरक्षित बताते हुए कहा कि इसके डिजाइन में ऐसी खामियां हैं, जो बड़ी संख्या में लोगों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देतीं। स्टेडियम के भीड़ नियंत्रण और पार्किंग व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हो सकें। आयोग ने कहा कि भविष्य में बड़े आयोजनों के लिए केवल उन्हीं स्टेडियमों का चयन किया जाए, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करते हों।
चिन्नास्वामी स्टेडियम में 30 सितंबर से 2 नवंबर 2024 तक महिला वनडे वर्ल्ड कप के शुरुआती और सेमीफाइनल मैच होने थे, लेकिन अब यह तय नहीं है कि ये मैच होंगे या नहीं। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने अपनी राज्य स्तरीय T20 लीग ‘महाराजा ट्रॉफी’ को भी दर्शकों के बिना आयोजित करने का फैसला लिया है।
कर्नाटक सरकार और जस्टिस कुन्हा आयोग की रिपोर्ट ने RCB और अन्य संबंधित एजेंसियों को दोषी ठहराया है। भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों के लिए सुरक्षा मानकों को गंभीरता से सुधारने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और अन्य आयोजकों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
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