राज्यसभा में बीजेपी ने मारी सेंचुरी, 102 सांसदों के साथ बढ़ी राजनीतिक ताकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बढ़त हासिल की है। 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से

Aug 2, 2025 - 08:21
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राज्यसभा में बीजेपी ने मारी सेंचुरी, 102 सांसदों के साथ बढ़ी राजनीतिक ताकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बढ़त हासिल की है। 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले बीजेपी का राज्यसभा में आंकड़ा 102 तक पहुंच गया है, जो पार्टी के लिए एक अहम रणनीतिक जीत मानी जा रही है। यह बढ़त अप्रैल 2022 के बाद पहली बार देखने को मिली है, जब पार्टी के पास राज्यसभा में इतनी ताकत थी।

नामित सदस्यों का बीजेपी में शामिल होना अहम

इस बढ़त के पीछे बीजेपी में तीन नामित सदस्यों का शामिल होना है, जिन्होंने पार्टी के सांसदों की संख्या में योगदान किया है। ये तीन सदस्य हैं वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और केरल के समाजसेवी सी सदानंदन मास्टर। इन तीनों के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को यह लाभ हुआ है, जिससे उसकी स्थिति राज्यसभा में और भी मजबूत हो गई है।

राज्यसभा की ताकत और बीजेपी का दबदबा

राज्यसभा की वर्तमान ताकत 240 सांसदों की है, जिसमें 12 नामित सदस्य भी शामिल हैं और 5 सीटें खाली हैं। बीजेपी के पास अब अकेले 102 सांसद हैं। वहीं, यदि एनडीए गठबंधन की बात करें तो यह आंकड़ा बढ़कर 134 तक पहुंच जाता है, जो बहुमत के लिए जरूरी 121 के आंकड़े से कहीं अधिक है। 31 मार्च 2022 को हुए राज्यसभा चुनाव के परिणामों के बाद बीजेपी ने 100 से ज्यादा सांसदों वाली दूसरी पार्टी बनने का गौरव हासिल किया था, जब उसकी संख्या 97 से बढ़कर 101 हो गई थी। इससे पहले, कांग्रेस ने 1988 और 1990 में राज्यसभा में 100 से ज्यादा सांसदों का आंकड़ा पार किया था।

नामित सांसदों की प्रोफाइल

बीजेपी में शामिल होने वाले तीन नामित सांसदों में पहला नाम उज्ज्वल निकम का है, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के प्रमुख अभियोजक रहे हैं और अजमल कसाब को सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। निकम को 2016 में पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है। दूसरा नाम है सी सदानंदन मास्टर का, जो केरल के चर्चित समाजसेवी और शिक्षक हैं। 1994 में उन पर हुए हमले में उनके पैर काट दिए गए थे, और इस हमले का आरोप सीपीएम कार्यकर्ताओं पर था। तीसरा नाम हर्षवर्धन श्रृंगला का है, जो 2020 से 2022 तक भारत के विदेश सचिव रहे और 2023 G20 समिट के चीफ कोऑर्डिनेटर भी थे।

बीजेपी की मजबूती से कानूनों पर प्रभाव

राज्यसभा में 102 सांसदों के साथ बीजेपी अब संसद के दोनों सदनों में अपनी मजबूत पकड़ बना चुकी है। इसका सीधा असर कानूनों के पारित होने, नीतियों के लागू होने और राजनीतिक दबदबे पर दिखेगा। 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी पारी के दौरान यह मजबूत स्थिति बीजेपी को तेजी से अपने एजेंडे को लागू करने का अवसर प्रदान करेगी।

राज्यसभा में बढ़ी बीजेपी की ताकत न केवल पार्टी के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए आने वाले समय में कई अहम नीतिगत फैसलों को लागू करने में सहायक साबित हो सकती है।

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