पक्षी और इंसान की अनोखी प्रेम कहानी - Video
किसी ने क्या खूब कहा है- 'दुश्मनी ने सुना न होवेगा। जो हमें दोस्ती ने दिखलाया। वैसे तो यह शायरी इंसानों के लिए लिखी गई थी पर आज इस शायरी का असल मर्म समझ में आया.
दरअसल यहां मैं एक ऐसे मामले की बात कर रहा हूँ जिसको देख आँखों पर यकीन करना मुश्किल हो गया. आपने गाहे बगाहे ऐसी कहानियां अक्सर पढ़ी या देखी होंगी, जिसमें इंसान और परिंदो के बीच की दोस्ती देखने को मिली होंगी। पर मैं जिस कहानी की यहाँ बात करने जा रहा हूँ वह दोस्ती के एक ऐसे मजबूत रिश्ते को दिखाती है. जिस पर बड़ी बड़ी कहानिया तक फ़ना हो जाएँगी।
आइये आपको रूबरू कराते है उन पात्रों से जिनकी दोस्ती हम सभी के लिए मिसाल बनती जा रही है. सच्चे और पाक रिश्ते की यह कहानी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के औरंगाबाद मजरे की है. जहां के रहने वाले आसिफ और जंगली परिंदे सारस में दोस्ती का ऐसा रिश्ता कायम हुआ कि दुनिया आज इसकी मिसाल देने लगी है.
दरअसल आसिफ और जंगली परिंदे सारस की दोस्ती की शुरुआत साल भर पहले हुई एक दर्दनाक घटना से हुई थी. आसिफ बताते है कि रोजमर्रा की तरह वह अपने खेत को देखने निकले थे, उसी दौरान उन्हें यह परिंदा गंभीर अवस्था में घायल खेत के बीच में पड़ा दिखाई दिया। पास गया तो पाया कि परिंदे में अभी जान बाकी है. फौरन उसे घर ले आया और दिन रात उसकी सेवा की और वह ठीक हो गया.
अरे रुकिए कहा चल दिए। ..कहानी यहाँ ख़त्म नहीं होती है. दोस्ती के इस पाक रिश्ते के सफर का आगाज तो होना अभी बाकी है.
आसिफ ने तो अपने इंसानी जज़्बातों के साथ परिंदे की सेवा का मुक्कमल फर्ज निभाया पर दोस्ती के इस रिश्ते को आगे बढ़ाने की बारी जंगली परिंदे सारस की थी, घर पर रहते रहते सारस आसिफ से इतना घुल मिल गया कि उसके बिना उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता। घर में हो या बाहर आसिफ के आगे पीछे घूमा करता। आसिफ बताते है कि परिंदे के पूरी तरह ठीक होने के बाद उसे अपनों के बीच छोड़ने जंगल के लिए निकला। जंगल में उसे छोड़ जैसे ही वापसी के लिए निकला तो थोड़ी देर बाद पीछे मुड़कर देखा तो भौचक्का रह गया. परिंदा पीछा करते हुए घर तक वापस लौट आया.
आसिफ परिंदे के मन की बात तो नहीं जान पाया पर परिंदे के अंदर आसिफ के लिए जो एक लगाव की शुरुआत हुई वह दिनों दिन बढ़ती चली गई. प्रेम और वात्सल्य की यह लगन जो सिर्फ इंसानों में देखने को मिलती थी, वह जंगली परिंदे ने अपने व्यवहार में दर्शा कर रिश्ते को एक अलग आयाम दे दिया।
आसिफ बताते है कि आज साल भर से ऊपर हो गया है और परिंदे उनके साथ ही रह रहा है. बीच बीच में वह जंगल अपनों से मिलने जाता है पर शाम होने से पहले लौट भी आता है. अगर घर की बात करें तो आसिफ के आलावा किसी को हाथ भी नहीं लगाने देता है. आसिफ से ऐसा घुला मिला है कि आसिफ आगे आगे तो सारस महाराज पीछे पीछे उड़कर चलते है. दिन हो या रात आसिफ के बिना खाना नहीं खाते है. अगर आसिफ को काम से बाहर जाना पड़ जाए तो आसिफ की वापसी तक इंतज़ार करता है. और आसिफ के घर में घुसते ही नाच नाच कर खुश हो जाता है.
सारस के मन की बात तो नहीं जानी जा सकती पर उसके लगाव और व्यवहार ने आज के मतलबी रिश्तों को मुँह छिपाने पर मजबूर कर दिया है.
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