अमेरिका की दोहरी नीति: पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने वाला बताया, TRF पर बैन भी लगाया

पाकिस्तान और आतंकवाद का संबंध पूरी दुनिया के लिए किसी से छिपा नहीं है। पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति समर्थन और उसे बढ़ावा देने का रुझान कोई नई बात नहीं है।

Jul 26, 2025 - 08:18
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अमेरिका की दोहरी नीति: पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने वाला बताया, TRF पर बैन भी लगाया

पाकिस्तान और आतंकवाद का संबंध पूरी दुनिया के लिए किसी से छिपा नहीं है। पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति समर्थन और उसे बढ़ावा देने का रुझान कोई नई बात नहीं है। इस मुद्दे पर कई बार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान की आलोचना की है, लेकिन अब अमेरिका का रुख पाकिस्तान के संदर्भ में कई सवाल खड़े कर रहा है। एक ओर जहां अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन TRF पर प्रतिबंध लगाया है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने वाले देश के रूप में स्वीकार कर लिया है।

अमेरिका ने क्यों लगाया TRF पर प्रतिबंध?

अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति दोहरा रुख, खासकर आतंकवाद के मसले पर, इस समय सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है। कुछ दिन पहले ही अमेरिकी प्रशासन ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन "टीआरएफ" (The Resistance Front) पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह संगठन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।

अमेरिका का यह कदम पाकिस्तान की भूमिका और उसकी घरेलू नीतियों को लेकर सवाल उठाता है, क्योंकि पाकिस्तानी सरकार खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी बताने की कोशिश करती रही है। TRF पर बैन लगाने के बावजूद पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, जो इस पूरे मामले को और भी जटिल बना देता है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अमेरिका यात्रा: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की तारीफ

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच हुई बैठक के दौरान आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका को लेकर बयान दिए गए। अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस दौरान पाकिस्तान की सराहना की और उसे आतंकवाद से लड़ने वाला महत्वपूर्ण साझेदार बताया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन TRF पर बैन लगाया था।

इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच कई अन्य मामलों पर भी चर्चा हुई, लेकिन मुख्य फोकस पाकिस्तान की आतंकवाद से लड़ने की क्षमता पर था। अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने में मदद करने वाले एक साझेदार के रूप में स्वीकार करते हुए उसकी सरकार और सेना की कार्रवाई की सराहना की।

अमेरिका का दोहरा रुख: आतंकवाद से लड़ने का दावा और आतंकवादियों को शरण देना

यहां पर यह सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान खुद आतंकवाद के समर्थन में शामिल रहा है, तो अमेरिका उसके आतंकवाद विरोधी दावों को कैसे सही मान सकता है। पाकिस्तान की सेना और सरकार अक्सर आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देती रही हैं और उन्हें संसाधन मुहैया कराती रही हैं। अमेरिका का पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने वाला देश मानना, उस पर उठते सवालों का जवाब नहीं देता।

भारत ने कई बार यह आरोप लगाया है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादी संगठनों को न सिर्फ पनाह देता है, बल्कि उन्हें बढ़ावा भी देता है। भारत ने इस संबंध में कई प्रमाण पेश किए हैं और दुनिया को बताया है कि पाकिस्तान किस तरह से आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में अपनाता है।

भारत-पाकिस्तान संघर्ष और अमेरिका का कथित 'सीजफायर श्रेय'

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंधूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस संघर्ष के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा की गई थी, जिसे अमेरिका ने कई बार अपने प्रयासों का नतीजा बताया।

हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया है और इसे अमेरिका का अतिशयोक्ति से भरा हुआ बयान बताया है। भारत का कहना है कि युद्धविराम के लिए भारत ने कोई दबाव नहीं डाला, बल्कि पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष समाप्त करने की पहल की गई थी।

अमेरिका और पाकिस्तान: आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में साझेदारी या दोगला रवैया?

अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति यह दोहरा रुख कई तरह के सवाल खड़े करता है। एक तरफ तो अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में पाकिस्तान की सराहना करता है, लेकिन दूसरी तरफ, पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। पाकिस्तान ने कई बार आतंकवादियों को पनाह दी है, जिनका उद्देश्य भारत के खिलाफ हिंसा फैलाना है।

भारत का यह स्पष्ट आरोप रहा है कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद के सबसे बड़े समर्थकों में से एक है और उसकी सरकारी एजेंसियां आतंकवादियों को शरण देती हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान का आतंकवाद विरोधी बयानबाजी पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

भारत की आपत्ति: पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण देता है

भारत लंबे समय से यह आरोप लगा रहा है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को अपने देश में पनाह देता है और उन्हें विभिन्न प्रकार की मदद भी करता है। पाकिस्तान की सरकार और सेना सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं और ऐसे आतंकवादी संगठनों के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाती हैं। भारत ने कई बार पाकिस्तान के इस रवैये को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उजागर किया है।

भारत का कहना है कि पाकिस्तान अपनी नीतियों से आतंकवाद को प्रोत्साहित करता है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा होता है। पीएम मोदी ने भी कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को पर्यटन की तरह बढ़ावा दे रहा है, जो भारत और पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है।

अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते: भविष्य की दिशा पर सवाल

अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति यह दोहरा रुख भविष्य में और भी जटिल हो सकता है। अगर अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक सहयोगी देश मानता है, तो उसे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए दबाव डालने की आवश्यकता है। सिर्फ बयानबाजी से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं जीती जा सकती, और इस संदर्भ में अमेरिका का आस्थिर रुख पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कदम उठाने के लिए प्रेरित नहीं करेगा।

अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में यह असंगति भविष्य में और भी बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती है, क्योंकि जब तक पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ वास्तविक नीयत पर सवाल उठते रहेंगे, तब तक अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा में कोई भी स्थिरता नहीं आ सकती।

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