BCCI : बीसीसीआई को बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका
BCCI : बीसीसीआई को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बोर्ड को आईपीएल बंद हो चुकी टीम कोच्चि टस्कर्स केरल को 538 करोड़ रुपये चुकाने होंगे।

BCCI : बीसीसीआई को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बोर्ड को आईपीएल बंद हो चुकी टीम कोच्चि टस्कर्स केरल को 538 करोड़ रुपये चुकाने होंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस आरआई चागला ने पुराने आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के खिलाफ बोर्ड की चुनौती को खारिज कर दिया।
आपको बतादें कि यह घटना 2011 में शुरू हुई थी। बोर्ड ने कोच्चि टस्कर्स केरल के साथ कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया था। पहले रेंडेवस स्पोर्ट्स (आरएसडब्लू) और बाद में कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (केसीपीएल) के स्वामित्व में था। बोर्ड ने कहा कि कोच्चि के मालिक उस साल मार्च तक आईपीएल में खेलने के लिए जरूरी बैंक सिक्योरिटी नहीं दे पाए। हालांकि फ्रेंचाइजी ने कहा कि वे स्टेडियम से जुड़े मुद्दों, शेयर से जुड़ी अनुमति और आईपीएल मैचों में कमी के कारण समय पर बैंक सिक्योरिटी का पैसा जमा नहीं करा पाए।
बीसीसीआई अभी भी कोच्चि टस्कर्स के साथ नियमित संपर्क में था। लेकिन अचानक उसने कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया और आरएसडब्लू द्वारा चुकाई गई रकम वापस ले ली। बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ केसीपीएल और आरएसडब्लू दोनों ने विशेष मध्यस्थता की अपील की। 2015 में वे जीत गए और मध्यस्थता ने फैसला सुनाया कि आरएसडब्लू को 153 करोड़ रुपये और केसीपीएल को 384 करोड़ रुपये ब्याज सहित चुकाने होंगे। यानी कुल मिलाकर 538 करोड़ रुपये से ज्यादा। बीसीसीआई ने इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि यह बैंक सुरक्षा समझौते का उल्लंघन है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि यह मुआवजा वास्तव में समझौते की राशि से अधिक था। इसके अलावा, आरएसडब्लू जिस मध्यस्थता की बात कर रहा है, वह भारतीय भागीदारी अधिनियम के तहत अवैध है। हालांकि अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाया है कि इस समस्या के मूल कारणों का पता लगाने का बीसीसीआई का प्रयास पहले से ही अधिनियम की धारा 34 के दायरे में है। बीसीसीआई द्वारा अपनी आपत्ति के समर्थन में दिए गए सबूत इस मामले में स्वीकार्य नहीं हैं और पुराने मध्यस्थता को बरकरार रखा गया है।
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