हिमाचल में मानसून की तबाही, 21 की मौत, 34 लापता, 400 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून तबाही के साथ-साथ तबाही भी लेकर आया है। बरसात के मौसम में प्रकृति ने राज्य में कहर बरपाया है। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से राज्य में व्यापक विनाश हुआ है

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून तबाही के साथ-साथ तबाही भी लेकर आया है। बरसात के मौसम में प्रकृति ने राज्य में कहर बरपाया है। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से राज्य में व्यापक विनाश हुआ है। हिमाचल प्रदेश में मानसून 20 जून को पहुंचा था। तब से भारी वर्षा, बादल फटने और भूस्खलन के कारण राज्य को लगभग 407.02 करोड़ रुपये का प्रशासनिक नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में आई इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है और पांच घायल हो गए हैं। वहीं, बादल फटने की विभिन्न घटनाओं में 34 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। भूस्खलन के कारण राज्य में लगभग 245 सड़कें बंद या क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 918 विद्युत ट्रांसफार्मर और 683 जलापूर्ति परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुईं।
प्रशासन ने अब तक 370 लोगों को बचाया है
जिनके घर बादल फटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गए या जिन तक पहुंचा नहीं जा सका। प्रशासन ने अब तक लगभग 370 लोगों को बचाया है। बुधवार को राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने मंडी जिले के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद बचाव और आपदा राहत सहायता के लिए वायु सेना से अनुरोध किया गया।
What's Your Reaction?






