समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की जमानत पर 14 जुलाई को सुनवाई
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की जमानत पर 14 जुलाई को सुनवाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई स्थगित, इरफान के वकीलों ने दाखिल किया जवाब

कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के मामले की सुनवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थगित कर दी गई है। अब इरफान की जमानत पर 14 जुलाई को सुनवाई है। गैंगस्टर मामले में इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही है। इरफान सोलंकी के वकीलों ने विरोध दर्ज कराया है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से अदालत में जवाबी हलफनामा दायर किया गया था। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ 14 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।
इरफान ने कानपुर के जाजमऊ थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। अदालत ने इरफान की जमानत याचिका को उसके भाइयों रिजवान सोलंकी और इसराइल अटेवाला की जमानत याचिकाओं से जोड़ दिया, जो उसी मामले में आरोपी हैं। अब अदालत तीनों की जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगी।
इरफान सोलंकी के खिलाफ 26 दिसंबर 2022 को गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। एफआईआर तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे ने दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल अटेवाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में इरफान सोलंकी को गिरोह का सरगना बताया गया है। इरफान को गैंगस्टर मामले को छोड़कर उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है। गैंगस्टर मामले में इरफान सोलंकी को जमानत मिलने पर वह जेल से बाहर आ सकेगा।
12 मार्च को जमानत मंजूर कर ली गई
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को एक और मामले में राहत मिली है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर यात्रा करने के मामले में इरफान सोलंकी को बुधवार को जमानत दे दी।
इस मामले में इरफान सोलंकी के खिलाफ 2022 में कानपुर के गोआलटोली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद इरफान सोलंकी को जमानत मिल गई थी।
हालांकि, फर्जी आधार कार्ड यात्रा मामले में जमानत मिलने के बाद भी इरफान सोलंकी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा। इरफान सोलंकी को एक अन्य गैंगस्टर मामले में अभी तक जमानत नहीं दी गई है।
इरफान सोलंकी पिछले 2 साल से जेल में है। इरफान की जमानत याचिका पर वकील इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद न्यायमूर्ति अजय भनोट की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया।
इससे पहले 10 मार्च को हाईकोर्ट से भी राहत मिली थी
कानपुर के सीसामऊ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।जबरन वसूली के आरोप में दो साल से जेल में बंद इरफान और रिजवान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।फैसला सोमवार को सुनाया गया। अदालत ने दोनों भाइयों को जमानत जरूर दे दी है। लेकिन दोनों अभी भी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।
क्योंकि रिजवान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर का मामला अभी भी लंबित है। इसके अलावा इरफान सोलंकी पर गैंगस्टर होने और फर्जी आधार कार्ड पर यात्रा करने का मामला भी कोर्ट में लंबित है।
जमीन हड़पने के लिए झोपड़ी में आग लगा दी गई
जाजमौर की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान और अन्य गुंडों पर पड़ोसी महिला नजीर फातिमा की जमीन पर बने अस्थायी मकान को जलाने का आरोप है। नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोप है कि 7 नवंबर 2022 को रात 8 बजे उनका परिवार अपने भाई की शादी में गया था। इसके बाद रिजवान सोलंकी, इरफान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी।
यह एक साजिश के तहत किया गया ताकि वह घर छोड़ दें और विधायक का परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग में घरेलू सामान, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर व अन्य सामान जल गए।
रिपोर्ट दर्ज कर जाजमऊ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ज्ञातव्य है कि इस मामले में शौकत, शरीफ और इसराइल अतावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमसुद्दीन, एजाजुद्दीन, मोहम्मद एजाज, मुर्सलीन वोलू और शकील चिकना भी शामिल थे। इरफान और रिजवान समेत सभी आरोपी फिलहाल जेल में हैं।
इरफान की 30 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई है। गैंगस्टर कार्रवाई के बाद विधायक और उनकी पार्टी की 30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली गई। इसके अलावा ईडी ने विधायक के 5 ठिकानों पर छापेमारी की।
जहां संपत्तियों की एक लंबी सूची मिली। वहीं, जब इरफान कानपुर जेल में थे तो अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे। इसके बाद उन्हें महराजगंज जेल भेज दिया गया।
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