पूंजी बाजार में गिरावट का दौर जारी, गिरावट के साथ खुला बाजार
पूंजी बाजार में गिरावट का दौर जारी है. पिछले डेढ़ महीने में निवेशकों को करीब 48 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कुल मिलाकर विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं
पूंजी बाजार में गिरावट का दौर जारी है. पिछले डेढ़ महीने में निवेशकों को करीब 48 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कुल मिलाकर विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं. इसका असर आगे भी बाजार पर देखने को मिलेगा. मिंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कमजोर वैश्विक बाजार संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 50 सोमवार को गिरावट के साथ खुलने की संभावना है। आज बाजार खुलते ही निफ्टी और सेंसेक्स दोनों रेड जोन में नजर आए। सुबह 9.30 बजे के आसपास निफ्टी 52 अंक नीचे 23,480 पर और सेंसेक्स 201 अंक नीचे 77,378 पर था।
गिफ्ट निफ्टी से आ रहा है सिग्नल
GIFT निफ्टी का रुझान भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स के लिए गैप-डाउन की शुरुआत का भी संकेत देता है। गिफ्ट निफ्टी 23,500 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जो निफ्टी फ्यूचर्स के पिछले बंद से लगभग 100 अंक की छूट है। आपको बता दें कि शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के मौके पर भारतीय बाजार बंद थे. गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार सूचकांकों में लगातार छठे सत्र में गिरावट जारी रही। सेंसेक्स 110.64 अंक गिरकर 77,580.31 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 26.35 अंक या 0.11% गिरकर 23,532.70 पर बंद हुआ।
बाजार में नकारात्मकता देखने को मिल सकती है
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ नागराज शेट्टी ने कहा कि निफ्टी 50 अब महत्वपूर्ण 200DMA से नीचे 23,540 पर है। डीएमए एक संकेतक है जो चार्ट देखते समय रुझानों को समझना आसान बनाता है। उनके मुताबिक, इससे पहले एमए ने 26 अक्टूबर से 4 जून के बीच अहम बदलाव किए थे। गुरुवार को निफ्टी का 200-दिवसीय ईएमए से नीचे धीमा होना एक अच्छा संकेत हो सकता है, लेकिन बाजार को संभावित तेजी पर विचार करने के लिए और अधिक सबूत दिखाने की जरूरत है।
ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
इस समय निवेशकों को आक्रामक रिटर्न से हटकर सुरक्षित पूंजी संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि अपने फंड को डायवर्सिफाई करना इस समय हर निवेशक के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात होनी चाहिए। इसके बाद जब निवेश का समय आएगा तो वे म्यूचुअल फंड और सोने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, ईटी की रिपोर्ट की मानें तो बाजार में अभी और गिरावट आ सकती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने फंड को एक निश्चित अवधि के लिए निवेश करता है तो यह लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न का विकल्प हो सकता है।
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