गर्मी की वजह से लखनऊ में मौत दर में इजाफा जानें शहर में दोगुनी हुई दाह संस्कार की संख्या
गर्मी का प्रचंड रूप और बढते प्रकोप श्मशाम घाटों पर दाह संस्कार की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। भैंसाकुंड पर इन दिनों रोजाना 40-42 और गुलालाघाट पर 30-35 दाह संस्कार हो रहे हैं। इनमें बिजली से होने वाले दाह संस्कारों की संख्या शामिल है।
देश में यह प्रचंड गर्मी अब कोरोना का रूप लेती जा रही है जी है लखनऊ में गर्मी जानलेवा हो चुकी है। श्मशान घाट और पोस्टमॉर्टम हाउस में कोरोना जैसे हालात हैं। एक हफ्ते में केजीएमयू में पोस्टमॉर्टम हाउस में 236 शव पहुंचे। सबसे ज्यादा 45-45 बॉडी 30 और 31 मई को पहुंची है। इन दोनों दिन शहर का तापमान भी 45 डिग्री के ऊपर दर्ज हुआ है। यह पिछले 50 साल में चौथा सबसे अधिकतम तापमान है।
आपको बता दें पोस्टमॉर्टम हाउस के एक डॉक्टर नाम नहीं छापने के शर्त पर बताते हैं की आम दिनों में पोस्टमॉर्टम हाउस पर 10-12 बॉडी आती थी। लेकिन पिछले एक हफ्ते में इनकी संख्या तीन से चार गुना बढ़ चुकी है। यहां शव रखने के लिए जगह तक नहीं बची है। कोरोना के टाइम जैसा एकदम फील हो रहा है। इनमें तमाम बॉडी ऐसी हैं, जिनकी शिनाख्त तक नहीं हो सकी है।
लकड़ी भी हो गई महंगी
वही इस भीषण गर्मी के साथ-साथ महंगाई भी चरम सीमा पर हैबता दे गुलालाघाट के सेवादार वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि पहले ऐशबाग से शव जलाने के लिए पांच से साढ़े पांच सौ रुपये क्विंटल की दर पर लकड़ी मिलती थी। अब यह 700 रुपये क्विंटल मिल रही है। लकड़ी की व्यवस्था काकोरी, मलिहाबाद व संडीला से करवाई जा रही है। एक शव में करीब सात क्विंटल लकड़ी लगती है। भैंसाकुंड श्मशान घाट के सेवादार गिरिजाशंकर व्यास बाबा ने बताया कि यहां 630 रुपये प्रति क्विंटल की दर में लकड़ी उपलब्ध है। सेवादार ने बताया कि गुलालाघाट पर आठ वाटर कूलर काम कर रहे हैं।भैंसाकुंड श्मशान घाट पर भी पेयजल से लेकर सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
Dr. की सलाह लू से बचें, जरूरत होने पर ही घर से निकले
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन ने मरीजों को लू से बचने तथा जरूरी होने पर ही अस्पताल आने की सलाह दी है। संस्थान के निदेशक के मुताबिक अगले कुछ दिन में लू का प्रकोप कुछ कम होगा। तब तक जरूरी दवाएं लेते रहें तथा अपना बचाव करें।
आपको बता दें संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह के मुताबिक जिन मरीजों के नियमित चेकअप का समय निर्धारित है उनसे अनुरोध है कि यदि कोई तकलीफ नहीं है तो आगे का समय सुनिश्चित करा लें तथा हृदय और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों के लिए सलाह में दी गयी दवाएं लेना जारी रखें। 15-20 दिन में गर्मी कम हो जाने पर संबंधित डॉक्टर से मिलकर अग्रिम परामर्श ले सकते हैं।
श्मशान घाट पर आम दिनों से 4 गुना ज्यादा लाशें का ढेर
लखनऊ में अंतिम संस्कार के लिए 3 प्रमुख श्मशान घाट हैं। इनमें भैंसाकुंड, VVIP रोड और गुलाला घाट शामिल हैं। यहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले शवों की संख्या अचानक 3 गुना तक बढ़ गई है। इन जगहों पर 25 मई से पहले रोजाना औसतन 10 से 12 शवों का ही अंतिम संस्कार होता था। लेकिन 30, 31 मई और 1 जून को यहां 30 से ज्यादा अंतिम संस्कार हुए हैं। VVIP रोड पर बने बैकुंठ धाम में शवों के अंतिम संस्कार के लिए प्लेटफॉर्म भी कम पड़ गए। तीन से चार दिन यहां शव नीचे ही जलाने पड़े।
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